Ι परिचय
अगर आप शेयर मार्केट की दुनिया में सफल होना चाहते है तो आपको कुछ चीज़ो पर विशेष ध्यान देना होता है उनमे से एक है अपने लॉस को कम करना I कोई भी शेयर मार्केट ट्रेडर या इन्वेस्टर इस बात से भाग नहीं सकता को लॉस तो होंगे ही I बस हमें उस लॉस को काम करने पर ध्यान देना होगा I जिसमे हमारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है स्टॉप लॉस, व्यापारिक यात्रा में, विशेष रूप से शुरुआत में, स्टॉप लॉस क्या होता है(stop loss meaning in hindi) और स्टॉप लॉस कैसे लगाए ये सीखना महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम स्टॉप लॉस और उससे जुडी सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त करेंगे ।
Ι स्टॉप लॉस क्या होता है? (Stop Loss Meaning In Hindi)
स्टॉप लॉस शेयर मार्केट में सफलता पाने और निवेशकों को नुकसान से बचाने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपकरण है I स्टॉप लॉस ट्रेडिंग के समय की वह सीमा होती है जब मार्केट के अपने विरुद्ध में जाने पर ट्रेडर या निवेशक अपने ट्रेड को एग्जिट कर देता है या बेच देता है , जिससे की उसका नुकसान ज्यादा न हो I
हमें ये मानना पड़ेगा की ट्रेडिंग या इन्वेस्टिंग में लॉस तो होता ही है, पर उस लॉस को कम करने के लिए ही स्टॉप लॉस का अविष्कार किया गया I स्टॉप लॉस का मुख्य लक्ष्य ट्रेडर्स या इन्वेस्टर को होने वाले बड़े नुकसानों से बचाना और उन्हें सुरक्षित रखना है I इसके लिए कुछ खास नियमो का पालन किया जाता है I
दुनिया के हर एक ट्रेडिंग प्लेटफार्म और ब्रोकर के पास स्टॉप लॉस की सुविधा होती है I आपको किसी ट्रेड में प्रवेश करने के बाद अपने डीमैट अकाउंट में स्टॉप लॉस के ऑप्शन पर जाकर उस प्राइस को सेलेक्ट करना है जहा जाने के बाद आपका ट्रेड ऑटोमैटिक एग्जिट हो जाये I स्टॉप लॉस किसी भी दिशा में लिए गए ट्रेड के लिए लगाया जा सकता है I इसलिए यह आपकी ट्रेडिंग रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है, जिसका उपयोग करना एक ट्रेडर या निवेशक के लिए अति आवश्यक है I
ये जानने के लिए की स्टॉप लॉस क्या होता है आपको एक और चीज़ पर ध्यान देना होता है जिसे की टेक-प्रॉफिट कहते है I टेक-प्रॉफिट भी स्टॉप लॉस की तरह ही सेट किया जाता है लेकिन इन दोनों में बहुत अंतर है I जहाँ स्टॉप लॉस का प्रयोग अपने जोखिम को बुक करने के लिए किया जाता है वही पर टेक-प्रॉफिट का प्रयोग अपने प्रॉफिट को बुक करने के लिए किया जाता है I
आप स्टॉप लॉस के साथ टेक-प्रॉफिट को भी लगाते है इसका मुख्य लक्ष्य होता है की जब मार्केट आपके टारगेट तक पहुंच जाता है तो यह आपके ट्रेड को एग्जिट कर देता है जिससे की मार्केट के रिवर्स होने पर आपका प्रॉफिट लॉस में ना बदल जाये I
Ι स्टॉप लॉस कैसे लगाए ? (Stop Loss Kaise Lagaye)
अभी हमने जाना की स्टॉप लॉस क्या होता है?(stop loss meaning in hindi) स्टॉप लॉस ट्रेडिंग में एक बहुत ही महत्वपूर्ण टूल होता है जो की एक ट्रेडर या इन्वेस्टर को बड़े नुकसानों से बचाता है I जैसे की हमने जाना की यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे ट्रेडर अपने ब्रोकर के अकाउंट में ट्रेड लेते समय एक निश्चित कीमत पर स्टॉप लॉस लगाता है की जब मार्केट उसके विरुद्ध में जाये तो उस प्राइस पर पहुंचने के बाद उसका ट्रेड ऑटोमैटिक एग्जिट हो जाए I स्टॉप लॉस लगाने निम्नलिखित नियमो का पालन करना पड़ता है :
1. स्टॉप लॉस का स्तर निर्धारित करे:
स्टॉप लॉस लगाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है स्टॉप लॉस के जगह को निर्धारित करना I इसके लिए मार्केट का विश्लेषण किया जाता है I स्टॉप लगाने की तरह स्टॉप लॉस को सही जगह पर लगाना भी जरुरी होता है I स्टॉप लॉस के चुनी गयी जगह एक ट्रेडर के लक्ष्य और उसके रिस्क टोलरेंस पर निर्भर करता है I
2. स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाए:
स्टॉप लॉस(stop loss meaning in hindi) के स्तर को निर्धारित करने के बाद अब बारी आती है स्टॉप लॉस लगाने की I उसके लिए ट्रेडर को अपने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर स्टॉप लॉस के ऑप्शन पर जाकर अपने निर्धारित किये हुए कीमत के स्तर पर स्टॉप लॉस के आर्डर को लगाना होता है I इससे ट्रेडर की पोजीशन खुद बाजार में रहे बिना उसके नियंत्रण में हो जाती है I
3. प्रॉफिट के बाद स्टॉप लॉस ट्रेल:
जब आप स्टॉप लॉस लगा ले और मार्केट आपके फेवर में चलने लगे और आपको कुछ प्रॉफिट दिखने लगे तो उसके साथ ही आपको अपने स्टॉप लॉस में कुछ बदलाव भी करने चाहिए I समय के साथ धीरे-धीरे अपने स्टॉप लॉस को और अपने प्रॉफिट की दिशा में बढ़ाना चाहिए, जिसे की ट्रेलिंग स्टॉप लॉस कहते है, इसका फायदा यह होता है की अगर मार्केट आपके टारगेट पर जाने से पहले ही रिवर्स हो जाये तो आपका कुछ प्रॉफिट बच जाए और आपका कोई लॉस ना हो I और ट्रेलिंग स्टॉप लॉस हमें बड़े मूव कैप्चर करने में भी हमारी मदद करता है I
Ι स्टॉप लॉस क्यों जरुरी है ?
अभी तक हमने जाना की स्टॉप लॉस क्या होता है(stop loss meaning in hindi) और इसका प्रयोग कैसे करे I आइये अब समझते है की स्टॉप लॉस का प्रयोग करना इतना जरुरी क्यों है I
बाजार में हर कोई पैसे कमाने के इरादे से आता है लेकिन आंकड़ों की माने तो ऐसा बहुत कम लोग ही कर पाते है बाकी लोग अपने खाते को शून्य करके वापस चले जाते है I ऐसा इसलिए क्योकि वो अपने जोखिम को नियंत्रित नहीं कर पाते है I हमारी मानसिकता कुछ ऐसी होती है की हम लॉस को ज्यादा देर होल्ड करते है लेकिन थोड़ा सा प्रॉफिट दीखते ही हम ट्रेड से बहार निकल जाते है I यही कारण है की अंततः बहुत से लोग ट्रेडिंग में लॉस करते है I
इसलिए ट्रेडर और इन्वेस्टर को बड़े नुकसान बचाने के लिए स्टॉप लॉस एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपकरण है I यह उनको होने वाले बड़े खतरों से बचाता है I आइये निम्नलिखित कुछ कारण को देखते है जो की स्टॉप लॉस को महत्वपूर्ण बनाते है:
1. बड़े नुकसान से बचाव:
ट्रेडिंग या इन्वेस्टिंग एक हद तक प्रॉबब्लिटी का गेम है और ये बात हर एक ट्रेडर या इन्वेस्टर को पता होती है I वह जनता है इसमें लॉस होते है हर बार हमारी एनालिसिस सही नहीं होती है I लॉस तो होंगे ही लेकिन हमें उस लॉस को एक बड़ा लॉस बनने से रोकना होता है, तभी जाके हम एक सफल ट्रेडर या इन्वेस्टर बन सकते है I और इसमें हमारी सबसे ज्यादा मदद करता है स्टॉप लॉस स्टॉप लॉस हमारे नुकसान को कम करके हमारे प्रॉफिट को बढ़ाता है और हमारे नुकसान को बड़ा होने से रोकता है I
2. निवेश की निगरानी:
स्टॉप लॉस(stop loss meaning in hindi) की मदद से ट्रेडर अपने ट्रेड पर नज़र रख सकते है I स्टॉप लॉस एक ट्रेडर को एक विश्वास दिलाता है की उसका बड़ा नुकसान नहीं हो सकता है I यह उन्हें अपने ट्रेड पर ध्यान देने में मदद करता है और उन्हें रिस्क से बचाता है I
3. स्वतंत्रता:
किसी भी ट्रेडर के लिए यह बहुत जरुरी है की कोई ट्रेड लेने के बाद उसे उसकी चिंता बार-बार न हो, और वह मानसिक रूप से स्वतंत्र हो जाए I लेकिन बिना स्टॉप लॉस के यह संभव नहीं है, स्टॉप लॉस एक ट्रेडर या इन्वेस्टर को मानसिक रूप से स्वतंत्र करता है I एक ट्रेडर को स्टॉप लॉस लगाने के बाद पता होता है की उसका ज्यादा से ज्यादा कितना लॉस हो सकता है, इसलिए वह कभी इस बात को लेकर चिंतित नहीं होता है की कही मार्केट के उसके विरुद्ध में जाने से उसे बड़ा लॉस न हो जाए I और वह अपने ट्रेड को लेकर पूरी तरह से स्वतंत्र होता है I
4. आत्मविश्वास:
स्टॉप लॉस एक ट्रेडर या इन्वेस्टर को आत्मविश्वास भी देता है जिससे की उसे अपने ट्रेड को लेकर कोई चिंता न हो I स्टॉप लॉस लगाने के बाद एक ट्रेडर या इन्वेस्टर को अपने रिस्क और टारगेट के बारे में अच्छे से पता होता है, और उसका रिस्क उसके टारगेट की तुलना में कम होता है I जिसका फायदा यह होता है की ट्रेडर को अपने ट्रेड के प्रति आत्मविश्वास मिलता है I यह उन्हें नियंत्रण प्राप्त करने और अच्छे ट्रेड लेने के लिए उन्हें सक्षम बनाता है I
Ι स्टॉप लॉस के प्रकार
हमने अभी तक जाना की स्टॉप लॉस क्या होता है(stop loss meaning in hindi) और इसका प्रयोग कैसे किया जाता है? आइए अब इसके प्रकार के बारे में जानते है, स्टॉप लॉस Ιमुख्यतः तीन प्रकार के होते है I
- स्टॉप लॉस एंड मार्केट आर्डर
- स्टॉप लॉस एंड लिमिट ऑर्डर
- ट्रेलिंग स्टॉप लॉस
1. मार्केट आर्डर:
मार्केट ऑर्डर एक आर्डर है जिसमें ट्रेडर अपने निवेश को बाजार की वर्तमान मूल्य पर ट्रेड करना चाहता है। यह आर्डर तुरंत पूरा किया जाता है, चाहे फिर वह लोन या शॉर्ट पोजीशन के लिए हो। मार्केट ऑर्डर द्वारा, ट्रेडर अपने आर्डर को तुरंत पूरा करने का निर्णय लेता है, चाहे फिर बाजार की वोलेटिलिटी कुछ भी हो।
मार्केट ऑर्डर का प्रयोग जब किया जाता है जब ट्रेडर को अपने निवेश को तुरंत ट्रेड करना होता है, चाहे फिर वह निवेश का मूल्य ऊपर या नीचे हो। इसका उपयोग अक्सर बहुत जल्दी बदलते बाजार की स्थिति में ट्रेड करने के लिए किया जाता है।
2. लिमिट ऑर्डर:
“स्टॉप लॉस लिमिट आर्डर” एक वित्तीय ट्रेडिंग आर्डर है जो ट्रेडर को नुकसान से बचाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह एक विशेष लेवल पर आर्डर होता है, जो ट्रेडर के लिए निर्धारित नुकसान का सीमांत करता है, और जब बाजार उस स्तर तक पहुंचता है, तो आर्डर स्वतः ट्रिगर हो जाता है।
3. ट्रेलिंग स्टॉप लॉस:
ट्रेलिंग स्टॉप लॉस एक बहुत महत्वपूर्ण और लाभदायक तरीका है बड़े प्रॉफिट करने का और लॉस से बचने का I ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का अर्थ होता है की एक स्थिर स्तर के बजाय, बाजार की गतिशीलता के आधार पर अपने आप को बदलते रहना I जब किसी ट्रेड में हमारा प्रॉफिट चल रहा होता है तो ट्रेलिंग स्टॉप लॉस हमारे प्रॉफिट की ओर धीरे-धीरे सिफ्ट होता जाता है, जिससे की अगर मार्केट रिवर्स हो जाये तो हमारा प्रॉफिट बच जाए और लॉस न हो I ट्रेलिंग स्टॉप लॉस की मदद से हम बड़े मूव भी पकड़ सकते है I इसलिए एक ट्रेडर के लिए यह अति आवश्यक हो जाता है I
उदहारण के रूप में
यदि एक ट्रेडर एक निवेश करता है जब शेयर की कीमत 100 रुपये प्रति शेयर होती है, और वह ट्रेलिंग स्टॉप लॉस सेट करता है जो 10% की गतिशीलता पर निर्धारित होता है। अब यदि शेयर की कीमत 110 रुपये प्रति शेयर हो जाती है, तो स्टॉप लॉस स्तर को 99 रुपये प्रति शेयर (110 – 10% = 99) पर सेट किया जाएगा। इस प्रकार, जब बाजार में वृद्धि होती है, तो स्टॉप लॉस स्तर भी बढ़ता जाएगा, लेकिन जब बाजार में नकारात्मक चलन होता है, तो स्तॉप लॉस स्तर नीचे आता है।
Ι स्टॉप लॉस का नुकसान
हम अभी तक जान चुके है की स्टॉप लॉस क्या होता है(stop loss meaning in hindi) और इसका प्रयोग कैसे किया जाता है, लेकिन इसका एक नुकसान भी होता है आइये उसे समझते है, वैसे तो स्टॉप लॉस लगाने के अधिक फायदे ही है, लेकिन इसका एक मुख्य नुकसान भी होता है I
जब मार्केट बहुत ज्यादा वोलाटाइल होता है यानि की अस्थिर होता है तो कई बार ऐसा होता है की हमारी एनालिसिस सही होती है मार्केट हमारे दिशा में भी जाता है लेकिन जाने से पहले हमारा स्टॉप लॉस हिट कर देता है I ऐसा मार्केट की अनियमितता के कारण होता है I इससे ट्रेडर को नुकसान होता है I इसका उपाय यही है की हमें स्टॉप लॉस को सही जगह पर लगाना चाहिए I
Ι निष्कर्ष
इस महत्वपूर्ण लेख में हमने जाना की स्टॉप लॉस क्या होता है(stop loss meaning in hindi) और इससे जुडी लगभग सभी बातो पर चर्चा की, स्टॉप लॉस ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स दोनों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपकरण है, जो की हमें बड़े नुकसानों से बचाने में हमारी मदद करता है स्टॉप लॉस एक महत्वपूर्ण ट्रेडिंग टूल है जो ट्रेडर को नुकसान से बचाने में मदद करता है, लेकिन इसके साथ ही कुछ नकारात्मक पहलू भी हैं।
ट्रेडर को स्टॉप लॉस का उपयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए और उसे अपने निवेश की विवेकपूर्ण रणनीति के अनुसार सेट करना चाहिए। इसके अलावा, ट्रेडर को नियमित रूप से बाजार की स्थिति का मूल्यांकन करना चाहिए ताकि उसके निवेश में स्थिरता बनी रहे और स्टॉप लॉस का उपयोग उसके नुकसानों को कम करने में सहायक हो सके।
मै उम्मीद करता हु की ऊपर दी गयी जानकारी से आपको स्टॉप लॉस के बारे में जानने में काफी सहायता मिली होगी। इसी प्रकार के और भी शेयर मार्केट और ट्रेडिंग से जुड़ी हुई ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे ब्लॉग wealthpre को सब्सक्राइब करे ।
Ι अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ’s)
स्टॉप लॉस क्या है?
निवेशकों को उनके निवेश को सुरक्षित रखने के लिए स्टॉप लॉस एक वित्तीय उपाय है। यह निवेशकों को अपने निवेश को एक निश्चित मूल्य पर बेचने के लिए प्रेरित करता है ताकि उनका नुकसान कम हो सके।
स्टॉप लॉस का उपयोग क्यों किया जाता है?
निवेशकों को निवेश के खतरों से बचाने के लिए स्टॉप लॉस का उपयोग किया जाता है। यह बाजार की अस्थिरता और निवेशीय रिस्क से उन्हें बचाता है।
स्टॉप लॉस कैसे काम करता है?
स्टॉप लॉस में, निवेशक एक विशिष्ट मूल्य स्तर निर्धारित करता है, जो किसी विशिष्ट मूल्य पर पहुंचने पर स्वचालित रूप से बेचा जाता है। इससे निवेशक कम नुकसान उठाते हैं।
क्या स्टॉप लॉस के उपयोग में कोई नुकसान हो सकता है?
स्टॉप लॉस का उपयोग करते समय कुछ छोटे नुकसान हो सकते हैं, जैसे जल्दी से बेचना और समयांतर संबंधित समस्याएं। इसलिए, स्टॉप लॉस को सावधानीपूर्वक प्रयोग करें।