Ι परिचय
हैमर कैंडल एक बहुत ही महत्वपूर्ण कैंडलस्टिक पैटर्न है I अगर आपको ट्रेडिंग के बारे में थोड़ी सी भी जानकारी होगी तो आपने इसके बारे में जरूर सुना होगा I एक सफल ट्रेडर बनने के लिए आपको हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में पता होना बहुत आवश्यक है I आज के इस लेख में हम जानेंगे की हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न क्या है(Hammer Candlestick Pattern in hindi) और ट्रेडिंग के दौरान इसका प्रयोग कैसे किया जाता है, इसका निर्माण कैसे होता है और एक ट्रेडर या शार्ट टर्म इन्वेस्टर हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न की मदद से कैसे लाभ कमा सकता है I
Ι हैमर कैंडल क्या है?(Hammer candlestick pattern in hindi)
हैमर कैंडल ट्रेडिंग के दौरान चार्ट पर दिखाई देने वाले कैंडल्स में से एक है I हैमर कैंडल एक बुलिश रिवर्सल कैंडल पैटर्न है I जिसका मतलब यह होता है की जब मार्केट निचे की ओर जा रही होती है तब इस कैंडल के सही जगह पर बनने के बाद मार्केट वहा से रिवर्स होकर ऊपर की ओर जाने लगती है I
हैमर कैंडल की बॉडी छोटी होती है और उसकी lower shadow उसके बॉडी के दोगुने जितनी बड़ी होती है I हैमर कैंडल का निर्माण डाउन ट्रेंड के दौरान बिल्कुल बॉटम पर होता है जहाँ वह सपोर्ट लेता है I और मार्केट के वहां से रिवर्स होने की संभावना बढ़ जाती है I
Ι हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न के बनने की साइकोलॉजी
हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer candlestick pattern in hindi) एक बुलिश कैंडल है जो की एक निश्चित समय में मार्केट में बायर्स की उपस्थिति और उनके बल को दर्शाता है I डाउन ट्रेंड चलने के बाद एक ऐसा समय आता है जहाँ पर कोई सपोर्ट होता है और वहाँ पर बायर्स अधिक मात्रा में मौजूद होते है I जब उस सपोर्ट के पहले ट्रेडर्स को लगता है की उसके शेयर की वैल्यू उसके इन्ट्रेंसिक वैल्यू से ज्यादा होती है तो वहाँ पर सेलर्स का दबाव आता है मार्केट में एक रेड कैंडल बनती है I
लेकिन जब वह रेड कैंडल उस सपोर्ट पर या बायर्स के जोन के आस-पास आती है और बायर्स को लगता है की शेयर की प्राइस उनके इन्ट्रेंसिक वैल्यू से कम हो गयी है तो वहाँ पर बायर्स की एंट्री होती है और वह रेड कैंडल एक ग्रीन कैंडल में परिवर्तित हो जाती है I मतलब की बायर्स के आने के बाद वह रेड कैंडल अपने ओपन प्राइस से ऊपर चली जाती है जिससे की वह एक ग्रीन कैंडल बन जाती है I और उस कैंडल के पहले रेड कैंडल होने के कारण उस कैंडल के निचे shadow बन जाता है I इस प्रकार एक हैमर कैंडल का निर्माण होता है I
Ι हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer Candlestick Pattern in hindi) में ट्रेड कब ले
हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(hammer candlestick pattern in hindi) टेक्निकल एनालिसिस में एक बहुत है महत्वपूर्ण पैटर्न है जो की मार्केट में अक्सर दिखाई देता है I इस पैटर्न के ट्रेड पर मिलने वाली सफलता की सम्भावना भी बहुत ज्यादा होती है I लेकिन इस पैटर्न पर ट्रेड लेने के कुछ रुल्स भी होते यही जो की आपको जानने बहुत जरुरी है I इस पैटर्न के सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात है इसके बनने की जगह I यह पैटर्न चार्ट में किस जगह पर बन रहा है ये जानना बहुत जरुरी है I
यह पैटर्न जब किसी डाउन ट्रेंड के दौरान किसी सपोर्ट जोन के आस-पास बनता है तब इसके काम करने की सम्भावना काफी बढ़ जाती है I इसके बनने के बाद यह भी देखना जरुरी है की इसके बाद वाली कैंडल कैसी बन रही है I अगर वह इसके निचे क्लोज होती है और वह एक बियरीश कैंडल होती है तो इस पैटर्न को सही नहीं माना जायेगा I यह पैटर्न तभी उचित माना जायेगा जब इसके बाद बनने वाली कैंडल इस हैमर कैंडल के हाई को ब्रेक करके इसके ऊपर क्लोज करे I
Ι हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(Hammer candlestick pattern) स्टॉप लॉस और टारगेट
इस लेख(hammer candlestick pattern in hindi) में हमने जाना की हैमर कैंडल क्या है?, यह कैसे बनता है और इसमें कब ट्रेड लेना उचित होता है I आइये अब जानते है की हैमर कैंडल में स्टॉप लॉस और टारगेट कैसे सेट करे I
स्टॉप लॉस:-
स्टॉप लॉस,ट्रेडिंग के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपकरण है I स्टॉप लॉस एक ऐसा उपकरण होता है जो आपके नुकसान को कम करता है I जब मार्केट आपके ट्रेड के विरुद्ध में जाता है तब एक निश्चित स्थान पर आपका ट्रेड ऑटोमैटिक कट कर दिया जाता है I जिससे की आपका नुकसान सिमित हो जाता है और आप बड़े नुकसान होने से अपने आप को बचा सकते है I हैमर कैंडल के लिए स्टॉप लॉस सेट करने के कुछ निम्न्लिखित चरण है:-
1. हैमर कैंडल की निचली शैडो:
जैसा की हमने हैमर कैंडल के बनने की साइकोलॉजी बारे में जाना, जिससे की हमें यह पता चलता है की हैमर कैंडल का बनना बायर्स का सेलर्स के ऊपर विजय की तरह है I और हैमर कैंडल का लो एक बहुत ही जरुरी पॉइंट होता है, क्योंकि अगर मार्केट फिर से उस हैमर के low के निचे जाकर कैंडल क्लोज करता है तो इसका मतलब साफ़ है की सेलर्स फिर से हावी हो गए है, और अभी डाउन ट्रेंड चालू है I
इसलिए हैमर कैंडल में स्टॉप लॉस लगाने के लिए सबसे अच्छी जगह है, उसकी शैडो का low क्योंकि अगर मार्केट उसे ब्रेक करेगा तो उसे निचे जाना ही है I इसलिए इसके बाद हमें अपने पोजीशन को होल्ड करने का कोई फायदा नहीं है I
2. पिछले सपोर्ट लेवल:
जहाँ पर हैमर कैंडल ने सपोर्ट लेकर बानी है, उस सपोर्ट लेवल के निचे स्टॉप लॉस को लगाना भी एक उचित विचार है I क्योकि जब तक सपोर्ट पर बायर्स है मार्केट उसको ब्रेक कर नहीं सकता और आपके स्टॉप लॉस हिट होने की सम्भावना भी कम हो जाती है I
टारगेट कैसे सेट करे?
टारगेट एक ऐसा पॉइंट होता है जहाँ पर एक ट्रेडर अपने प्रॉफिट को बुक करता है I मतलब की एक ऐसा स्तर जहा पर एक ट्रेडर अपने ट्रेड को प्रॉफिट में क्लोज़ करना चाहता है I अपने टारगेट को निर्धारित करने के लिए आप निम्न्लिखित नियमो का पालन कर सकते है:-
1. रिस्क रिवार्ड रेशियो:
रिस्क रिवार्ड एक ट्रेडर के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण उपाय है मार्केट में एक सफल ट्रेडर और इन्वेस्टर बनने का I जैसे की अगर आपका रिस्क यानि की आपका स्टॉप लॉस 10रु का है तो आपको अपना टारगेट हमेशा अपने रिस्क से बड़ा रखना चाहिए, जैसे की 20रु या 30रु (1:2 या 1:3 रेशियो ) जिससे की अगर आपका लॉस आपके प्रॉफिट से ज्यादा बार होगा फिर भी आप अंततः प्रॉफिट में ही रहेंगे I
2. रेजिस्टेंस लेवल:
आप अपने टारगेट को आने वाले अगले रेजिस्टेंस पर भी सेट कर सकते है I रेजिस्टेंस वह लेवल होता है जहा पर सेलर्स बैठे हुए होते है और मार्केट को वहाँ से ऊपर जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है I सेलर्स का ज्यादा दबाव पड़ने के कारण मार्केट वहाँ से रिवर्स भी हो सकती है I इसलिए रेजिस्टेंस लेवल पर पहुंचने पर आप अपने ट्रेड को लाभ के साथ बंद कर सकते है I
3. फिबोनाची रिट्रेसमेंट:
आप अपने टारगेट फिबोनाची लेवल की मदद से भी सेट कर सकते है I यह एक बहुत है महत्वपूर्ण तकनिकी उपकरण है जो की मार्केट के रिवर्सल पॉइंट को ढूंढने में मदद करता है I
Ι हैमर कैंडल क्यों महत्वपूर्ण है?
हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(hammer candlestick pattern in hindi) ट्रेडिंग और निवेश के क्षेत्र में एक बहुत ही महत्वपूर्ण तकीनीकी संकेतक है I यह पैटर्न एक बुलिश रिवर्सल संकेत देता है, जिससे की एक ट्रेडर को यह पता चल जाता है की निचे के ओर चलने वाला ट्रेड अब ख़त्म हो सकता है और बाजार में खरीदारी का दबाव बढ़ रहा है जिससे की मार्केट में रिवर्सल आ सकती है I हैमर कैंडल की सबसे बड़ी खासियत इसके बनने की प्रक्रिया और बनावट में होती है: एक छोटी सी बॉडी और निचे एक लम्बी शैडो I यह दर्शाती है की शुरू में सेलर्स का काफी दबाव था, लेकिन फिर बायर्स ने अंत में कीमत को ऊपर की ओर खींच लिया I
इस पैटर्न की पहचान करने से ट्रेडर्स को मार्केट के संभावित सबसे निचले स्तर को पहचानने में मदद मिलती है, जिससे की वह बिलकुल सही समय पर निवेश कर सकते है और बड़ा लाभ उठा सकते है I hammer in trading
Ι निष्कर्ष
इस महत्वपूर्ण लेख में हमने जाना की हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(hammer candlestick pattern in hindi) क्या है और इसका प्रयोग कैसे किया जाता है I हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न एक बहुत ही महत्वपूर्ण संकेतक और पैटर्न है जो की बाजार में बुलिश रिवर्सल के संकेत देता है I यह दिखने में भी बहुत सरल होता है, जिससे की इसे नए से नया ट्रेडर भी एक बार में पहचान सकता है I हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न की एक खास बात यह भी होती है की यह विभिन्न टाइम फ्रेम पर भी उतने ही अच्छे से काम करता है I इस पैटर्न का उपयोग ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स को शेयर मार्केट की दुनिया में सफलता दिलाने के लिए जरुरी है I
मै आशा करता हु की ऊपर दी गयी जानकारी से आपको हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न(hammer candlestick pattern in hindi) के बारे में जानने में सहायता मिली होगी I इसी प्रकार की ट्रेडिंग और शेयर मार्केट से जुडी हुई जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे ब्लॉग wealthpre.com को सब्सक्राइब करे I
Ι अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ’s)
हैमर कैंडल क्या है?
हैमर कैंडल, ट्रेडिंग के दौरान चार्ट पर डाउन ट्रेंड में बनता है I यह एक बुलिश रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न है जिसके बनने के बाद मार्केट अपनी दिशा बदल कर निचे से ऊपर की ओर जाने लगता है I इसकी बॉडी छोटी और इसके निचे का शैडो इसकी बॉडी के दोगुना बड़ा होता है I
हैमर कैंडल कैसे बनती है?
हैमर कैंडल तब बनती है जब ट्रेडिंग के दौरान गिरते हुए मार्केट में किसी सपोर्ट के पास बायर्स एक्टिव हो जाते है I जिससे की वो रेड कैंडल एक ग्रीन कैंडल में बदल जाती है और उस कैंडल के निचे एक बड़ा सा शैडो बन जाता है I
हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न में स्टॉप लॉस कहाँ लगाया जाता है?
हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न में स्टॉप लॉस लगाने का सबसे उचित जगह है हैमर के शैडो का low , क्योकि हैमर कैंडल के लो के ब्रेक होने का मतलब है की वह डाउन ट्रेंड अभी भी चालू है I
किस रंग की हैमर कैंडल उपयोगी होती है?
अगर हैमर कैंडल के बनने की पोजीशन सही हो यानि की वह डाउन ट्रेंड में बने और अगली कैंडल उसका हाई ब्रेक करे तो चाहे हैमर कैंडल लाल हो या हरी दोनों काम करती है I लेकिन हरे कैंडल के काम करने की सम्भावना थोड़ी ज्यादा होती है I