अगर आपको निवेश की थोड़ी सी भी जानकारी है तो आपने अक्सर SIP के बारे में सुना होगा l एसआईपी को निवेश के कुछ बेहतरीन उपायों में से एक माना जाता है, और इसका मुख्य कारण है की यह निवेश की एक ऐसी विधि है जिसे हर छोटा से बड़ा निवेशक अपनी क्षमता अनुसार कर सकता है l
इस निवेश को इस लिए भी पसंद किया जाता है, क्योकि इसमें निवेशक को अपनी पूरी धन राशि एक साथ जमा नहीं करनी पड़ती है , ब्लकि वह इसमें एक निश्चित समय अंतराल में छोटी-छोटी राशि जमा कर सकता है l आज के इस महत्वपूर्ण लेख में हम इसी महत्वपूर्ण निवेश योजना के बारे में विस्तार से जानने वाले है l इस लेख में हम जानेंगे की SIP kya hai (what is SIP in hindi) , यह कैसे काम करता है, इसमें निवेश कैसे करे और इसके लाभ और हानि क्या है? तो चलिए इसे शुरू करते है l
Ι एसआईपी क्या है ?(What Is SIP In Hindi)
SIP जिसका पूरा मतलब होता है, “सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान” म्यूचुअल फण्ड में निवेश का एक महत्वपूर्ण तरीका है, जिसमे निवेशक एक निश्चित राशि को नियमित रूप से एक निश्चित समय अंतराल पर निवेश करता है l यह अंतराल मासिक, तीन महीने या फिर वार्षिक भी हो सकता है l इस निवेश की सबसे खास बात यह है की इसमें आपको एक साथ बड़ी रकम जमा करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है l इसमें निवेशक अपनी क्षमता के अनुसार एक निश्चित राशि किस्तों की तरह जमा कर सकता है l
SIP निवेश की दृष्टि से एक दीर्घकालिक और अनुशासित योजना मानी जाती है l इस निवेश योजना में आप थोड़ी-थोड़ी नियमित राशि लम्बे समय तक जमा करके एक बहुत बड़ी राशि प्राप्त कर सकते है l अगर आप इसमें दीर्घकालिक समय के लिए निवेश करते है तो आप बाजार में होने उतार-चढाव का सामना भी आसानी से कर सकते है l
Ι एसआईपी किस प्रकार काम करता है?
SIP म्यूचुअल फण्ड के नियमित निवेश का ऐसा तरीका है जिसमे निवेशक को हर महीने एक निश्चित समय पर एक निश्चित राशि जमा करनी होती है l आपके जमा किये गए पैसो से म्यूचुअल फण्ड की यूनिट्स खरीदी जाती है l इन यूनिट्स की कीमते अस्थिर होती है जो की हमेशा बदलती रहती है, जब NAV (नेट एसेट वैल्यू) की कीमत अधिक होती है तो आपको काम यूनिट्स मिलती है, और जब NAV की कीमत ज्यादा होती है तो आपको ज्यादा यूनिट्स प्राप्त होती है l इस प्रक्रिया को रूपये की औसत लगात (Rupee Cost Averaging) कहलाती है, जो की लम्बे समय में निवेश की लगत को संतुलित रखती है l SIP units
एसआईपी में निवेश करने के लिए निवेशक को ज्यादा पैसो की जरुरत नहीं पड़ती है, SIP में एक निवेशक न्यूनतम 500रु से भी अपनी निवेश की यात्रा शुरू कर सकता है l SIP का सबसे बड़ा लाभ होता है कम्पाउंडिंग, इसमें आपके निवेश पर हुए लाभ के ऊपर भी आपको ब्याज प्राप्त होता है l इसलिए लम्बी अवधी में जैसे-जैसे निवेश बढ़ता है, कम्पाउंडिंग के कारण आपकी कुल धन राशि में भी काफी वृद्धि होती है l
यहाँ तक हमने जाना की एसआईपी क्या है (what is SIP in hindi) और यह कैसे काम करता है? चलिए अब ये जानने की कोशिश करते है की एक नया निवेशक sip में कैसे निवेश कर सकता है l
Ι एसआईपी में निवेश कैसे करे? (How To Invest In SIP In Hindi)
एसआईपी में निवेश करने के लिए या करने से पहले आपको कुछ प्रक्रियाओं का पालन करना होगा, जो की निम्नलिखित है:-
1. निवेश की समय अवधी और उद्देश्य
SIP में निवेश का सबसे पहला चरण यही होता है की आप निवेश कर क्यों रहे है? सबसे पहले आपको अपने निवेश का उद्देश्य, जैसे कि रिटायरमेंट, शादी, घर या गाड़ी खरीदना, बच्चो की शिक्षा आदि तय कर लेना चाहिए l और इसके ही आधार पर आपको अपने निवेश की समय अवधी भी तय कर लेनी चाहिए, कि आप कितने समय तक निवेश करना चाहेंगे l
2. एसआईपी की राशि तय करे
एसआईपी में निवेश का दूसरा कदम यह होना चाहिए की आप इसमें निवेश करने के लिए एक निश्चित राशि तय कर ले l ये राशि आपके उद्देश्य के हिसाब से होनी चाहिए l मतलब की आप किस उदेश्य से निवेश कर रहे है और कितनी राशि कितने समय तक निवेश करे तो आपका वो उद्देश्य पूरा हो सकता है, ये आपको पता होना चाहिए ऐसा करने के लिए आप SIP कैलकुलेटर का प्रयोग कर सकते है l अपनी राशि और समय अवधि निश्चित करने के बाद ही इसमें निवेश करे l
3. सही म्यूचुअल फण्ड का चुनाव करे
आपका अगला कदम है एक सुरक्षित और अच्छे म्यूचुअल फण्ड का चुनाव करना, जो कि आपके जरूरतों और उद्देश्यों के अनुकूल हो l याद रखे एक SIP के लिए एक सही म्यूचुअल फण्ड का चुनाव बहुत मायने रखता है l म्यूचुअल फंड्स के कुछ प्रकार होते है जो निचे दिए गए है l
- स्मॉल कैप और मिड कैप फंड्स : यह म्यूचुअल फंड आपका पैसा ऐसी कंपनियों में निवेश करता है जो की छोटी और मध्यम होती है l इसलिए इस फण्ड में उच्च रिटर्न के साथ-साथ उच्च जोखिम भी होता है l
- लार्ज कैप फंड्स : इस म्यूचुअल फण्ड में आपका पैसा बहुत बड़ी और प्रचलति कंपनियों में लगाया जाता है l ये ऐसी कंपनियां होती है जिनसे रिटर्न की उम्मीद रहती है और ये बहुत मुश्किल से ही घाटे में जा सकती है, जिसका प्रभाव हमारे रिटर्न पर पड़े l इसलिए लार्ज कैप में जोखिम बहुत कम होता है l
- बैलेंस्ड फंड्स : यह म्यूचुअल फण्ड का एक ऐसा प्रकार है जिसमे डेट और इक्विटी दोनों का मिश्रण होता है, जिससे की इसमें हमेशा संतुलन बना रहता है और जोखिम कम रहता है l
4. निवेश का प्लेटफार्म तय करे
अब बारी आती है निवेश का प्लेटफार्म तय करने की l आज के समय में यह काम काफी आसान हो गया है l हालाँकि आप ऑफलाइन या ऑनलाइन दोनों प्रकार में से किसी को भी चुन सकते है l अगर आप ऑनलाइन प्लेटफार्म चुनते है तो आपको अपना एक डीमैट अकाउंट खोलना पड़ेगा, जिससे की आप बिलकुल आसानी से किसी भी म्यूचुअल फण्ड में निवेश कर सकते है l आप अपना अकाउंट Upstox, Zerodha, Grow जैसे प्लेटफार्म पर आधार कार्ड और पैन कार्ड की मदद से आसानी से खोल सकते है l और अगर आप ऑफलाइन निवेश करना चाहते है तो आपको अपने किसी नजदीकी बैंक या म्यूचुअल फण्ड के एजेंट से संपर्क करना होगा l
Ι SIP में निवेश करने के लिए जरुरी दस्तावेज
ये जानने के बाद की एसआईपी क्या है (what is SIP in hindi) और इसमें निवेश कैसे करते है? , आपको अब ये समझना होगा की SIP में निवेश करने के लिए आपको सबसे पहले अपना kyc करा के अकाउंट ओपन करना पड़ता है l ये आप ऑफलाइन करे या ऑनलाइन आपको इसके लिए कुछ डाक्यूमेंट्स की आवश्यकता पड़ेगी, जो की निचे दिए गए है:-
- पैन कार्ड (आधार कार्ड से लिंक)
- आधार कार्ड (मोबाइल नंबर से लिंक)
- फोटो (पासपोर्ट साइज)
- बैंक अकाउंट
- बैंक स्टेटमेंट (पिछले 6 महीने का)
अभी तक हम जान चुके है की एसआईपी क्या है(SIP meaning in hindi), यह कैसे काम करता है और इसमें निवेश करने की क्या प्रक्रिया है? चलिए अब SIP के प्रकार और उनके कार्य के बारे में जानते है l
Ι एसआईपी के प्रकार (Types Of SIP In Hindi)
एसआईपी में निवेश करने के कुछ प्रमुख प्रकार होते है जो की निचे दिए गए है:-
1. रेगुलर एसआईपी (Regular SIP In Hindi)
रेगुलर SIP म्यूचुअल फण्ड में निवेश के लिए सबसे सामान्य और सबसे प्रचलति SIP है l इस एसआईपी में निवेशकों के द्वारा एक निश्चित अवधी में एक निश्चित धन राशि का निवेश किया जाता है l sip का यह प्रकार निवेशकों को अनुशासन के साथ निवेश करने में मदद करता है l यही वजह है की इस SIP में सबसे ज्यादा निवेशक अपना पैसा निवेश करता है l ये अधिकतर समय अच्छा रिटर्न प्रदान करता है l
2. टॉप-अप एसआईपी (Top Up SIP In Hindi)
टॉप-अप SIP में निवेशक समय के साथ साथ अपनी निवेश की राशि को बढ़ा सकते है l ये sip इन उन निवेशकों के लिए ज्यादा सही है जिनके पास अभी निवेश करने के लिए ज्यादा पैसे नहीं है l वैसे लोग कम से कम राशि में अपने निवेश की शुरुआत कर सकते है, और समय के साथ वे अपनी निवेश राशि में वृद्धि कर सकते है l
3. पर्पेचुअल एसआईपी (Perpetual SIP In Hindi)
एसआईपी एक ऐसा प्रकार है जो पूरी तरह से निवेशक के ऊपर निर्भर करता है l इस SIP में आप तब तक निवेश कर सकते है जब तक आप खुद न इसे बंद कर दे l इस sip की कोई निश्चित अवधी नहीं होती है, निवेशक जब चाहे इसे बंद कर सकते है l
4. फ्लेक्सिबल एसआईपी (Flexible SIP In Hindi)
फ्लेक्सिबल एसआईपी में सुविधा कुछ इस प्रकार होती है कि , निवेशक जब चाहे अपनी राशि को कम या ज्यादा कर सकता है, इसके लिए उसे पूरी स्वतंत्रता होती है l SIP का यह प्रकार विशेष रूप से उन लोगो के लिए अच्छा होता है जिनके इनकम या खर्च में अक्सर उतार-चढाव आते रहता है l इससे वे अपनी आवश्यकतानुसार अपनी राशि को बढ़ा या घटा सकते है l
Ι एसआईपी का लाभ (Benifits Of SIP In Hindi)
अब तक इस लेख में हम जान चुके है की SIP क्या है(what is SIP in hindi), कितने प्रकार का होता है, इसमें निवेश कैसे किया जा सकता है इत्यादि l आइये अब इसके प्रमुख लाभों के बारे में जानते है जो की निचे दिए गए है :-
1. कम जोखिम
एसआईपी का सबसे प्रमख लाभ यह होता है की, इसमें जोखिम कई निवेशों के मुकाबले कम होता है, हालाँकि इसके लिए आपके निवेश की अवधी लम्बी होनी चाहिए l अगर आप धीरे-धीरे लम्बी अवधी के लिए निवेश करते है तो बहुत ज्यादा सम्भावना होता है की आपका जोखिम नहीं होगा और आपको अच्छा रिटर्न प्राप्त होगा l ऐसा इसलिए होता है कि लम्बी अवधी के निवेश में निवेशकों को बाजार में होने वाले उतार-चढाव का सामना नहीं करना पड़ता है l
2. कम्पाउंडिंग का फायदा
एसआईपी में निवेश करने का दूसरा सबसे बड़ा लाभ है, कम्पाउंडिंग से मिलने वाला लाभ l कम्पांउंडिंग का मतलब होता है, निवेशकों को उनके निवेश के ऊपर ब्याज का ब्याज मिलना जो कि इस निवेश विधि को एक बेहतरीन योजना बनता है l कम्पाउंडिंग की इतनी शक्ति होती है की अगर आपको अच्छा रिटर्न प्राप्त हो रहा है तो मात्र तीन से चार साल में आपका निवेश डबल हो जायेगा l
3. अनुशासित निवेशक बनना
एसआईपी निवेश की ऐसी विधि है जो की निवेशक को एक अनुशासित निवशक बनने पर विवश कर देती है l इससे निवेशक के अंदर हर महीने एक निश्चित समय पर एक निश्चित निवेश करने की आदत विकसित हो जाती है l जिससे की निवेशक को लम्बी अवधी की वित्तीय सुरक्षा प्रदान होती है l
4. कम राशि से शुरुआत
एसआईपी का एक बहुत बड़ा लाभ यह भी है की इसमें हर प्रकार के निवेशकों के लिए स्थान है l जो लोग निवेश शुरू करना चाहते है लेकिन उनके पास ज्यादा राशि नहीं, वे लोग भी बहुत ही सरलता से SIP में निवेश कर सकते है l कई म्यूचुअल फण्ड में एसआईपी की न्यूनतम राशि 100 रु से प्रारम्भ है l जो की सभी निवेशकों को निवेश करने का एक अच्छा अवसर प्रदान करती है और उन्हें निवेश की आदत लगाती है l
SIP In Hindi
Ι निष्कर्ष (Conclusion Of SIP In Hindi)
एसआईपी(SIP in hindi) वास्तव में निवेश की कुछ सबसे बेहतरीन योजनाओ में से एक है l यह एक व्यक्ति को एक अच्छा और अनुशासित निवेशक बनाने में मदद करती है l साथ ही साथ इसकी मदद से निवेशक छोटी और नियमित रकम भुगतान करके अपने सभी फाइनेंसियल लक्ष्यों को पूरा कर सकते है l SIP की मदद से निवेशक अपने भविष्य को सुरक्षित और संपन्न बना सकते है l
हालाँकि निवेशक को इस बात का भी ध्यान मुख्य रूप से रखना चाहिए की SIP एक लम्बी अवधी का निवेश है l इसमें कोई निवेशक अच्छा रिटर्न तभी प्राप्त कर सकता है जब वह लम्बे समय के लिए लगातार निवेश करे l इसलिए इसमें जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए, इसमें अनुशासन और धैर्य के साथ समय का आदर करना भी बहुत जरुरी है l सही म्यूचुअल फण्ड और अनुशासित निवेश से SIP अपने निवेशकों को फाइनेंसियल स्वतंत्रता की ओर ले जा सकती है l
हम आशा करते है की ऊपर दी गयी जानकारी से आपको एसआईपी (sip in hindi) के बारे में जानने में काफी सहायता मिली होगी l इसी प्रकार की शेयर मार्केट और ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट से जुडी हुई ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे ब्लॉग wealthpre को सब्सक्राइब करे l
Ι अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ’s)
SIP (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) क्या होता है?
SIP एक ऐसी निवेश योजना है जिसमे आप म्यूचुअल फण्ड में एक निश्चित राशि को नियमित रूप में एक निश्चित समय पर निवेश करते है l
SIP में हम कम से कम कितना रुपए निवेश कर सकते है?
अधिकतर म्यूचुअल फण्ड में SIP के लिए न्यूनतम राशि 500 रू होती है l हालाँकि कुछ म्यूचुअल फण्ड में ये राशि अलग भी हो सकती है l
क्या SIP को बीच में बंद किया जा सकता है?
हाँ , आप जब चाहे अपने प्लेटफार्म पर जाकर अपने SIP को बस एक क्लिक में बंद कर सकते है l
क्या SIP की राशि को बढ़ाया या घटाया जा सकता है?
हाँ बिलकुल , इसके लिए आपको SIP के कुछ अलग प्रकारो में निवेश करना होगा, जैसे की टॉप-अप SIP और फ्लेक्सिबल SIP, इनमे आप जब चाहे अपने निवेश राशि को बढ़ा या घटा सकते है l
क्या SIP में रिस्क होता है?
SIP में अगर आपका निवेश लम्बी अवधी के लिए है तो, आपके जोखिम की संभवना बहुत कम होती है l