MACD Indicator In Hindi – MACD इंडिकेटर क्या है?

शेयर मार्केट की ट्रेडिंग की दुनिया में ट्रेडर्स को सफल होने के लिए बहुत ही मेहनत और काफी दिमाग लगाना पड़ता है l उनके लिए बाजार की दिशा का अनुमान लगाना एक मुख्य चुनौती होती है l आज के डिजिटल समय में इस काम में थोड़ी सी मदद इंडिकेटर करते है l इंडीकेटर्स ऐसे टूल होते है जो अपने नियमो के अनुसार बाजार की संभावित दिशा का अनुमान लगाते है l उन्ही कुछ महत्वपूर्ण इंडिकेटर में से एक है ‘MACD’ इंडिकेटर l

MACD इंडिकेटर ट्रेंड की संभावित दिशा का अंदाज़ा लगाने में मदद करता है, और साथ ही यह मोमेंटम का भी संकेत देता है, इसलिए आज के इस लेख में हम MACD के बारे में सबकुछ जानने का प्रयास करेंगे l हम जानेंगे कि MACD kya hai (MACD In Hindi) और यह कैसे काम करता है ?

MACD Indicator In Hindi
MACD Indicator In Hindi

Ι MACD क्या है? (What Is MACD Indicator In Hindi)

MACD (Moving Average Convergence Divergence) सिग्नल लाइन और हिस्टोग्राम से मिलकर बना एक इंडिकेटर है, जो मार्केट की सम्भावित दिशा का अनुमान लगाता है l यह बाजार में हो रहे छोटे-छोटे बदलावों का सूक्षमता से अवलोकन करने में मदद करता है, जिससे ट्रेडर्स को मार्केट में आगे होने वाली क्रिया का अंदाजा हो जाता है l MACD इंडिकेटर का उपयोग स्टॉक, कमोडिटी, क्रिप्टो और अन्य प्रकार के एसेट्स में ट्रेडिंग के लिए किया जाता है l जिससे ट्रेडर्स को मार्केट में ट्रेंड, मोमेंटम, एंट्री/एग्जिट पॉइंट्स इत्यादि के बारे में अंदाजा मिलता है l MACD इंडिकेटर का प्रयोग मुख्य रूप से मार्केट के ऊपर जाने या निचे गिरने के विश्लेषण के लिए किया जाता है l

MACD क्या है (MACD indicator in hindi) ये अच्छे से जानने की लिए पहले हमें ये जानना होगा की, यह काम कैसे करता है ?

Ι MACD कैसे काम करता है ?(Work Of MACD Indicator In Hindi)

MACD इंडिकेटर के काम करने के तरीके को अगर आसान भाषा में समझा जाये तो, यह दो मूविंग एवरेज के बीच के अंतर को मापता है, जिसकी मदद से ट्रेडर्स द्वारा किसी भी एसेट्स के ट्रेंड्स, मोमेंटम और आने वाले बदलावों का पता लगाया जा सके l इसमें MACD लाइन, सिग्नल लाइन और हिस्टोग्राम, ये तीन घटक होते है जो आपस में मिलकर हमको बाजार की स्थिति और उसके भविष्य में होने वाले परिणाम के बारे में बतलाते है l

1. MACD लाइन और सिग्नल लाइन का इंटरैक्शन

MACD इंडिकेटर में दो लाइन होती है, एक होती है MACD लाइन जो कि मुख्यतः 12 EMA और 26 EMA के अंतर को दर्शाती है, यह ब्लू कलर की होती है l इस लाइन का काम मोमेंटम की दिशा का संकेत देना है l दूसरी लाइन जिसे सिग्नल लाइन कहते है, वो MACD लाइन का 9-पीरियड EMA होती है, और यह पीले रंग की होती है l इसका काम ट्रेडर्स को सम्भावित बदलावों का संकेत देना है l जब MACD लाइन सिग्नल लाइन को निचे से ऊपर की और क्रॉस करती है, तब यह एक बुलिश संकेत देती है जिसका मतलब है कि मार्केट अब यहाँ से ऊपर की और जा सकता है l

और जब इसके विपरीत macd लाइन सिग्नल लाइन को ऊपर से निचे की ओर क्रॉस करती है, तब यह एक बेयरिश सिग्नल माना जाता है l इसका मतलब मार्केट अब उस जगह से निचे जा सकता है l

MACD Indicator In Hindi
MACD Indicator In Hindi

2. हिस्टोग्राम (Histogram Of MACD Indicator In Hindi)

MACD में तीसरा उपकरण होता है, हिस्टोग्राम , यह वॉल्यूम के जैसा दिखने वाला एक ग्राफिक प्रदर्शन है l हिस्टोग्राम macd लाइन और सिग्नल लाइन के बिच के अंतर को दर्शाता है l यह मार्केट के मोमेंटम का विश्लेषण करता है l हिस्टोग्राम बतलाता है कि मार्केट में चल रहा ट्रेंड मजबूत है कमजोर l जब हिस्टोग्राम पॉजिटिव की और बढ़ता है तब इसका मतलब होता ही कि मार्केट में एक मज़बूत बुलिश ट्रेंड है l वहीं जब इसके विपरीत हिस्टोग्राम रेड वॉल्यूम बनाकर निचे की ओर गिरता रहता है, तब इसका मतलब है कि मार्केट में एक मज़बूत बेयरिश ट्रेंड चल रहा है l

MACD Indicator In Hindi
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3. डायवर्जेंस का उपयोग 

MACD का प्रयोग एक और खास काम के लिए किया जाता है, और वो है ट्रेंड के संभावित रिवर्सल का पता लगाना l इस प्रक्रिया को डायवर्जेंस के रूप में जाना जाता है l जैसे कि अगर किसी एसेट का मूल्य निचे की और गिर रहा है, लेकिन उस समय हिस्टोग्राम ऊपर की और जा रहा है, तब इसका मतलब है कि डाउन ट्रेंड बहुत कमज़ोर है, और अब रिवर्सल आ सकता है l ठीक उसी तरह अगर कोई एसेट का चार्ट ऊपर की ओर जा रहा है, लेकिन हिस्टोग्राम निचे की और जा रहा है, तब इसका मतलब है कि अपट्रेंड अब कमज़ोर हो चूका है, और मार्केट जल्दी ही रिवर्सल होने वाला है l

MACD Indicator In Hindi
MACD Indicator In Hindi

अभी तक हमने जाना कि MACD क्या है(MACD KYA HAI और यह कैसे काम करता है? चलिए अब यह जानने की कोशिश करते है कि इसकी गणना कैसे की जाती है l

Ι MACD की गणना (Calculation Of MACD Indicator In Hindi)

MACD को कैलकुलेट करना ज्यादा कठिन नहीं है, यह मुख्य रूप से दो EMA (एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज) के बिच के अंतर पर आधारित होकर बना होता है l इसमें तीन मुख्य भाग होते है l सबसे पहले 12- पीरियड EMA और 26-पीरियड EMA के बीच के अंतर को कैलकुलेट किया जाता है l 12-पीरियड EMA का काम तेजी से मूविंग एवरेज को बतलाना और हाल के मूल्य का आकलन करना है l और 26-पीरियड EMA पिछले को दर्शाता है और धीमे मूविंग एवरेज का काम करता है l

जब 26-पीरियड EMA को 12-पीरियड से घटाया जाता है तब जाकर MACD लाइन बनती है l उसके बाद सिग्नल लाइन बनाने के लिए इस MACD लाइन का 9-पीरियड EMA कैलकुलेट किया जाता है, तब जाकर सिग्नल लाइन का निर्माण होता है l सिग्नल लाइन का काम MACD लाइन के संकेतो की पुष्टि करना है, इसके लिए इसे चार्ट में MACD लाइन के साथ प्लॉट किया जाता है l

और अब जाकर सिग्नल लाइन और MACD लाइन के बिच के अंतर से हिस्टोग्राम का निर्माण होता है, जिसका काम मार्केट के मोमेंटम की कमज़ोरी या मज़बूती को दर्शाना है l

Ι MACD को चार्ट्स में कैसे सेट करें ?

इस लेख में अभी तक हमने जाना कि MACD kya hai (MACD indicator in hindi), कैसे काम करता है और इसकी गणना कैसे की जाती है? चलिए अब जानते है कि इसे अपने ट्रेडिंग चार्ट में कैसे लगाए l

MACD इंडिकेटर का उपयोग करने के लिए सबसे पहले आपको अपने ट्रेडिंग प्लेटफार्म, जैसे कि tradingview, upstox इत्यादि पर जाना है l इसके बाद आपको उस प्लेटफार्म में इंडिकेटर सेक्शन में जाना है, और वहा जाकर आपको MACD सर्च करना है, तब निचे आपको ‘Moving Average Conversion Diversion’ का ऑप्शन दिखेगा, उसपर क्लिक करना है l MACD में अक्सर 12, 26 और 9 की डिफ़ॉल्ट सेटिंग आती है, लेकिन अगर आप चाहे तो अपने ट्रेडिंग शैली के अनुसार इसे बदल भी सकते है l

MACD किन-किन मार्केट्स में काम करता है?

MACD एक ऐसा इंडिकेटर जिसका उपयोग लगभग सभी प्रकार के मार्केट में किया जा सकता है, और सबमे में एक जैसे ही प्रदर्शन करता है l जैसे कि:-

  • इंडियन स्टॉक मार्केट
  • क्रिप्टो मार्केट
  • फोरेक्स मार्केट
  • कमोडिटी मार्केट

अभी तक हम जान चुके है कि MACD क्या होता है(what is macd indicator in hindi), कैसे काम करता है, इसकी गणना कैसे की जाती है इत्यादि l अब हम इस इंडिकेटर के फायदे और कुछ नुकसान के बारे में जानेंगे l

Ι MACD इंडिकेटर के गुण और दोष (Advantage And Disadvantage Of MACD Indicator In Hindi)

MACD इंडिकेटर के प्रयोग से होने वाले नुकसान और फायदों को निचे एक चार्ट में दर्शाया गया है:-

MACD Indicator के फायदे (Advantage Of MACD Indicator in hindi) MACD Indicator के नुकसान (Disadvantage Of MACD Indicator in hindi)
ट्रेंड की पुष्टि: MACD मौजूदा ट्रेंड की दिशा को स्पष्ट करने में सहायक है, जिससे ट्रेडर्स को बाजार की सही दिशा का अनुमान लगाने में मदद मिलती है। अस्थिर बाजार में प्रभावहीन: अधिक अस्थिर (वोलाटाइल) बाजार में MACD कभी-कभी सही संकेत नहीं दे पाता, जिससे गलत ट्रेडिंग फैसले हो सकते हैं।
मोमेंटम का विश्लेषण: यह कीमतों के मोमेंटम का सही अंदाजा लगाकर एंट्री और एग्जिट के निर्णय लेने में मदद करता है। फॉल्स सिग्नल: MACD कभी-कभी गलत सिग्नल दे सकता है, विशेषकर जब बाजार सीमित रेंज (रेंज-बाउंड) में होता है।
इंटरप्रेटेशन में आसान: MACD का चार्ट पर प्रदर्शन और समझना आसान होता है, जिससे यह शुरुआती निवेशकों के लिए भी उपयुक्त है। अतिरिक्त कंफर्मेशन की आवश्यकता: MACD को अधिक सटीकता के लिए RSI, मूविंग एवरेज आदि जैसे अन्य इंडिकेटर्स के साथ उपयोग करना पड़ता है।
डायवर्जेंस का संकेत: MACD के माध्यम से कीमत और ट्रेंड में संभावित परिवर्तन का पता लगाया जा सकता है, जो बेहतर ट्रेडिंग निर्णय में सहायक होता है। डे-ट्रेडिंग के लिए नहीं: MACD को लंबी अवधि के लिए बेहतर माना जाता है, और यह शॉर्ट-टर्म डे-ट्रेडिंग में कम प्रभावी होता है।

MACD indicator kya hai?

ऊपर दिए गए तालिका में MACD इंडिकेटर के प्रयोग से होने वाले लाभ और नुकसान को दर्शाया गया है, जो आपके लिए सही निर्णय लेने में सहायक हो सकते है l

Ι निष्कर्ष (Conclusion Of MACD Indicator In Hindi)

MACD इंडिकेटर ट्रेडिंग के दौरान उपयोग होने वाले कुछ महत्वपूर्ण इंडिकेटर्स में से एक है l इसकी मदद से ट्रेडर्स ट्रेंड और मोमेंटम का सही अनुमान लगा पाते है l MACD इंडिकेटर की खासियत यह है कि, यह न केवल बाजार की दिशा का संभावित अनुमान लगाता है, बल्कि साथ ही यह एक संभावित एंट्री और एग्जिट पॉइंट भी बतलाता है, जिससे ट्रेडर्स को मार्केट की परिस्थिति को बेहतर ढंग से समझने में  मिलती है l MACD, ट्रेंड फॉलोविंग रणनीति पर काम करने वाले ट्रेडर्स के लिए काफी फायदेमंद होता है, और साथ ही इसके डाइवर्जेन्स सिग्नल भी ट्रेडर्स के लिए बहुत उपयोगी होता है l

हम आशा करते है कि ऊपर दी गयी जानकारी से आपको MACD इंडिकेटर के बारे में जानने में काफी सहायता मिली होगी l ट्रेडिंग और स्टॉक मार्केट से जुडी इसी प्रकार की और भी ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे ब्लॉग wealthpre को सब्सक्राइब करे l

Ι अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ’s Of MACD Indicator In Hindi)

MACD इंडिकेटर क्या होता है ?

MACD (Moving Average Convergence Divergence) ट्रेडिंग में प्रयोग किया जाने वाला इंडिकेटर है, जो बाजार की कीमतो का ट्रेंड, मोमेंटम और संभावित एंट्री एग्जिट को विश्लेषण करने में मदद करता है l

MACD इंडिकेटर क्या संकेत देता है?

MACD इंडिकेटर बाजार में चल रहे ट्रेंड, मोमेंटम का स्ट्रेंथ, संभावित रिवर्सल और एंट्री-एग्जिट पॉइंट का संकेत देता है l

MACD इंडिकेटर का उपयोग किसके साथ करना चाहिए ?

MACD इंडिकेटर के साथ उपयोग करने के लिए सबसे अच्छा इंडिकेटर होता है 'RSI (Relative Strength Index)', RSI इंडिकेटर का मुख्य काम होता है, अत्यधिक खरीदी गई और अत्यधिक बेची गयी जगहों का विश्लेषण करना l MACD और RSI का एक साथ प्रयोग करने से बहुत लाभ मिल सकते है l

MACD इंडिकेटर का फुल फॉर्म क्या होता है?

MACD इंडिकेटर का फुल फॉर्म होता है 'Moving Average Convergence Divergence', जो ट्रेडिंग के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण इंडिकेटर माना जाता है l

MACD का मुख्य सिग्नल क्या है?

MACD का मुख्य सिग्नल क्रॉसओवर और डाइवर्जेन्स होता है l जब MACD की लाइन सिग्नल लाइन को क्रॉस करती है, तो उसे क्रॉसओवर कहते है, और जब किसी ट्रेंड के दौरान हिस्टोग्राम कमज़ोर दीखता है तो, वहां से रिवर्सल होने की सम्भावना होती है, जिसे डाइवर्जेन्स कहते है l

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